महिला दिवस स्पेशल (2020)

अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन तमाम जगहों पर महिलाओं के हक, उनकी खुशी, सम्मान और सुरक्षा के बारे में बात करने के साथ ही इससे संबंधित कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जानेंगे इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें।


कब से हुई इसकी शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च 1914 को दर्शाता हुआ एक जर्मन पोस्टर;
हिन्दी अनुवाद: “हम महिलाओं को मताधिकार दो। महिला दिवस, 8 मार्च 1914। अब तक, भेदभाव और प्रतिक्रियावादी नज़रिए ने उन महिलाओं को पूर्ण नागरिक अधिकार से वंचित रखा है, जिन्होंने श्रमिकों, माताओं और नागरिकों की भूमिका पूरी निष्ठा से अपने कर्त्तव्य का पालन किया है एवं जिन्हें नगर पालिका के साथ-साथ राज्य के प्रति भी करों का भुगतान करना होता है। इस प्राकृतिक मानवाधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ लड़ना चाहिए। इस लड़ाई में किसी भी प्रकार के ठहराव या विश्राम करने की अनुमति नहीं है। सभी महिलाएँ और लडकियाँ आएं, रविवार, 8 मार्च 1914 को, शाम 3 बजे, 9वीं महिला सभा में शामिल हों।”
यहा से शुरू हुई महिला दिवस की शुरुआत 
सोलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने 28 फरवरी, 1909 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया था। सोवियत संघ 1917 में महिलाओं को मताधिकार मिलने के बाद 8 मार्च को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था।1975 में महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम 'सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर' थी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों तथा विश्व शांति को बढ़ावा देना है। सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।
भारत में महिला दिवस
पिछले कुछ सालों से भारत में भी महिला दिवस के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन पुरुष अपनी करीबी महिलाओं जैसे दोस्त, मां, पत्नी, गर्लफ्रेंड, बेटियों और सहकर्मियों को फूल या कोई गिफ्ट देते हैं। कई देशों में इस दिन छुट्टी भी होती है। वहीं कुछ देशों जैसे कैमरून, क्रोएशिया, रोमानिया, मोंटेनेग्रो, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया, बुल्गारिया और चिली में कोई छुट्टी नहीं होती, लेकिन फिर भी इसे बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
स्त्री ने समाज की रूढि़यों से संघर्ष, खुद के भीतर बने मेंटल ब्लॉक से संघर्ष, परिस्थितियों से संघर्ष, घर-परिवार की परंपराओं-धारणाओं से संघर्ष कर बता दिया है कि उसके भीतर अपार साहस है। तभी वह आज और निखरी है और यह क्रम लगातार जारी है।

तो इसी के साथ अधिक समय ना लेते हुए ये संदेश यही समाप्त करता हूं।

और आपको सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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🙏 🙏 जय हिंद जय भारत 🙏 🙏 

🇮🇳🇮🇳 वंदे मातरम् 🇮🇳 🇮🇳 


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