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Showing posts from August, 2020

Today Beautiful Clip (Tea with Squirrel)

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  The cutest thing you'll find online today (सबसे प्यारी चीज आज आपको ऑनलाइन मिलेगी) एक बात याद रखना दोस्तों.... जिंदगी में कुछ ऐसे काम जरूर करना की जब आप अपने काम को सामने देखो ... तो दिल भी ढक-ढक करने लगे और अंदर से कानों में आवाज आए की मैं बेहद भाग्यशाली हूं कि मैं इस मानव शरीर के अंदर हूं.... Today Me Feeling....  😍😍 😉😉😉 📝📝 #poet_of_love ✍️✍️✍️..... ❣️❣️❣️..... #rajeev_arora_harshvardhan

पढ़ाई में नहीं कोई समानता का अधिकार 🤔🤔

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 मुझे गर्व है अपने ऊपर की मैं पढ़ाई नहीं कर पा रहा... मुझे गर्व है अपने ऊपर की मैं पढ़ाई नहीं कर पा रहा और जो कहते है हमे कुछ नहीं मिल रहा.. वो बिना पढ़े भी मजे की जिंदगी जीकर चेन की नींद ले रहे... ✍️✍️✍️..... 🤔🤔🤔 ऐसी पोस्ट कहने वालों के लिए शोभा नहीं देती लेकिन मैं आज मजबूर हूं क्योंकि मेरी इस लाइन के पीछे भी बहुत सारे राज छुपे हैं जिसके लिए मैं मजबूर हूं.... 🙏🙏🙏... 😏😏 मैं आज भी देर देर रात 2-3 बजे तक कुछ ना कुछ पढ़ता रहता हूं, सोचता रहता हूं कि जो भी मैं पढ़ता रहता हूं उसको अपने Blogger से लेकर हर एक Social Media पर शेअर करूँ.... लेकिन मन में कुछ बातें ऐसी खटखटाती है... की क्या फायदा #rajeev_arora_harshvardhan... कि क्या फायदा इस दुनिया को समझाने का.... ये दुनिया है सहाब.... ये समझना और समझती तो खूब है.. मगर मानना और कदर करना कोई नहीं चाहता.... ✍️✍️✍️ ऐसे ही ना जाने मेरे पास कितने अनगिनत शब्दों के भंडार है... लेकिन मैं कुछ गलत लोगों के वज़ह से तनाव और डिप्रेशन के कारण.... मैंने लिखना बंद कर दिया है.... इसलिए मैं हमेशा कहता हूं कि बेटा अपने बच्चो को संस्कार दो और बच्चे भी...

Photo Shoot with Speech (Deeputsav - 05/Aug./2020)

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मेरी एक बात याद रखना मित्रों..... 🤔🤔 कमजोर, समझदार व चुप रहने वाले व्यक्ति से दुश्मनी या गलत व्यवहार करना सबसे ज्यादा खतरनाक साबित होता है, क्योंकि वो उस समय वार करता है, जब आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते और ना आपको अफ़सोस कराने का मौका देगा।  ये सदेव अपनी चुप्पी में भी.. सोच-विचार की क्षमता को बड़ी ही खतरनाक स्थिति पैदा करने में समर्थ रहते है... इसलिए चुप रहने वाले व्यक्ती से सदेव लगाव और चुप रहना सीखो और रहना चाहिए..... ✍️✍️✍️ That's My Really Life Style  ये मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यही मेरा शांति का जीवन है और आधार है। मेरी तरफ से माफ़ी की गुंजाईश ही नहीं है, हाँ माफ़ी की गुंजाईश उस व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है कि उसके अंदर माफ़ी की चाहत, शर्म, अफसोस है या नहीं अगर नहीं तो मेरी तरफ से भी नहीं... 🙏🙏 इसलिए मैं सदेव कहता हूं कि हमेशा बड़े बुजुर्गों के दिए आशिर्वाद और संस्कारों की कदर करो और उनके दिए संस्कारों पर चलो, क्योंकि आपके माता-पिता का साथ सदेव आपके अच्छे बर्ताव के साथ देगा ना कि गलत बर्ताव के लिए साथ देगा और जिनके माता-पिता अपने बच्चों के गलत बर्ताव का साथ देक...

Important Message to You All Students (मन की बात Rajeev Arora Harshvardhan)

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स्कूल में ना पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक सीख, एक मिशाल, है ये Movie...✍️✍️ जिन बच्चों के पेरेंट्स, अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए, दिन रात मेहनत करते है वो इस Movie को जरूर देखिए।  जितने भी बच्चे पढ़ने वाले हो उनको मैं यही कहूँगा कि तुम एक छात्र हो कोई गुंडे बदमाश या भगवान नहीं कि तुम्हारे माँ-बाप दिन रात तुम्हारे लिए मेहनत करे और तुम स्कूल में रहकर मजे करो, अच्छे से रहो, अच्छे कपड़े पहनो। माँ-बाप एक ऐसा शब्द है जो अपने बच्चे के लिए हर ख्वाहिशें पूरी कर देता है, लेकिन जो ख्वाहिश पूरी करने में मेहनत लगती है, उस मेहनत का अंदाजा, खुद करने पर ही पता चलता है कि ऐसे मेहनत करने से पैसे आते है और अफसोस फिर भी वो वक़्त गुजर जाता है, पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती आज भी ना जाने कितने नौजवान है जो नौकरी करते हुए अपना घर चला रहे है और उन्हें अफसोस भी होता होगा लेकिन मैं उन नौजवानों को कहूँगा कि आप तुम अब आप लोग अब भी पढ़ सकते हो क्योंकि पढ़ाई में क्या शर्म आप लोग अभी भी पास के Cefe या Computer Shop से Online Open से पढ़ाई कर सकते हो, आज मुझे अच्छा लगेगा कि रुकी हुई पढ़ाई आप...

विश्व संस्कृत दिवस विशेष लेख (शुभकामनाएं)

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समस्त देशभक्तों को विश्व संस्कृत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं  भारत में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। वैदिक साहित्य में इसे श्रावणी कहा जाता था। इसी दिन गुरुकुलों में वेदाध्ययन कराने से पहले यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है। इस संस्कार को उपनयन अथवा उपाकर्म संस्कार कहते हैं। इस दिन पुराना यज्ञोपवीत भी बदला जाता है। ब्राह्मण यजमानों पर रक्षासूत्र भी बांधते हैं। ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत हैं, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को ऋषि पर्व और संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। राज्य तथा जिला स्तरों पर संस्कृत दिवस आयोजित किए जाते हैं। इस अवसर पर संस्कृत कवि सम्मेलन, लेखक गोष्ठी, छात्रों की भाषण तथा श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है, जिसके माध्यम से संस्कृत के विद्यार्थियों, कवियों तथा लेखकों को उचित मंच प्राप्त होता है। सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने...